बारिश की बूंदो से बना हुआ , छोटा सा समुंदर , लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती, चलो ढूंढे बरसात में दोस्ती की कुछ यादें, हाथ में लेकर एक कागज़ की कश्ती |
ये बारिश आज मुझसे कुछ कह गयी, आज फिर हमारी बाहों में, उनकी कमी रह गयी, एक पल के लिए उसे छुआ मैंने, और आज फिर उसकी , याद बरसात में पानी की तरह बह गयी |